कोई तो यार मिला दे,जो दिल से प्यार करे,जो इश्क़ हो सांचा सा,जो ना दिल पे वार करे।
कैसी दुनिया तेरी,क्या खेल ये खेलें हैं,कागज़ के टुकड़ों के ये कितने झमेले हैं,मिट्टी की मूरत को हर बार बदलता है,कोई रंग बदलता है कोई कार बदलता है, खुद्दार नहीं बदलें कोई यार बदलता है।
कोई यार मिला रब्बा,जो दिल से प्यार करे,वो इश्क़ जो सांचा हो, ना दिल पे वार करे।
-Shrikar Dixit