विषय -आदर्श पत्नी
दिनांक -16/04/2023
पुरुष अपनी जीवनसंगनी में,
कई रूपों को देखना चाहता है।
सर्वगुण मिले उसको अर्धांगिनी,
यही प्रभु से वह अर्जी लगाता है।।
सुबह जल्दी उठकर वह तो,
नहाकर पूजापाठ ध्यान करे।
फिर दैनिक कार्यों में लगकर,
समय से सबका काम करे।।
करे सेवा वह बड़े बुजुर्गो की,
उनकी सेहत का ध्यान रखे।
उनकी देखरेख पूरे दिल से करके,
सदा ही उनका मान सम्मान करे।।
हों हमजोली ननद,देवर घर में,
तो भाई बहन सा प्रेम दिखाएं।
कभी तकरार तो कभी हंसी ठिठोली से,
एक दूसरे पर अपना प्रेम लुटाएं।।
हो अगर पति के साथ वह तो,
प्रेमिका जैसा रूप दिखाएं।
सज संवरकर उसके सामने,
अपने प्रेम की वर्षा कर जाए।।
आए घर में जब कोई भी अतिथि,
वह सबकी सेवा सत्कार करे।
खुश होकर जब वह घर से जाएं,
आशीष प्रेम उसे अपार मिले।।
सबकी खुशियों का ख्याल हो जिसको,
ऐसी जीवन साथी मिल जाए।
रिश्तें सारे उसे निभाने आते हो,
ऐसी आदर्श पत्नी वह बन जाए।।
पति क्या चाहता है उससे,
बिना कहे ही वह समझ जाए।
पति का अंतर्मन जानने वाली ही,
एक आदर्श पत्नी कहलाए।।
ऐसी प्रिय पत्नी का इंतजार,
सबको ही हरदम होता है।
मिल जाए अगर इसके विपरित तो,
जीवनभर के लिए वह रोता है।।
किरन झा (मिश्री)
ग्वालियर मध्य प्रदेश
-किरन झा मिश्री