आज की शाम ये महफ़िल के नाम .....
शुक्रिया करते है हिना जी आपका....
हम दोस्तो को बुलाकर...
आज फिर से सजा दिया एक रुतबा
भिन्न भिन्न कवियों के संग
जैसे चांद अधूरा है सितारों के बिना
वैसे ये मेंजबानी अधूरी है
हम कवियों के बिना
हास्य, व्यंग, प्रेम के साथ चटपटा बना दिया एक ओर व्यंजन ... जिसका नाम है
दोस्तरंजन।
-Shree...Ripal Vyas