इनको देख कर बहुत विचार आते है
और फिर मैं लिख नही पाता हूं।
हालांकि
ये गरीब है बेसहारा हैं लेकिन लाचार नही।
और कुछ यूं लिखूंगा।
की
इनको देखूं तो किस नजर का इस्तेमाल करूं। कहां करूं मैं क्या करूं,और इन्हे कैसे मालामाल करूं ?
कोई तन्हा कोई भूखा ,
कोई है वक्त का मारा।
देखा हैं परिंदो को बिना पंख के उड़ते,
ऐसे में इन्हे देख,
इनका क्या मलाल करूं?
-Anand Tripathi