तुम्हारा न होते हुए भी सिर्फ़ तुम्हारा होना, इश्क़ है…
तुमसे दूर रह कर भी तुम्हारे ही क़रीब रहना, इश्क़ है...
उम्मीदें टूट जाने पर भी सिर्फ़ तुमसे ही उम्मीद करना, इश्क़ है….
तुम्हारे यहां ना होने पर भी, तुम्हें महसूस करना, इश्क़ है...
हम दोनों का एक दूसरे के लिए जीना, इश्क़ है...
-Prashant Kumar