अलविदा ही कहना था तो ....
ये अपनत्व का अहसास क्यों जगाया ?
होकर बेग़ाना जाना ही था तो
मुझसे ऐसा अनुराग ही क्यों लगाया ?
तुमसे ही मिलता मेरे अंतर्मन को सुकून
तुमसे मिलकर भी नहीं जाता मेरा जुनून
तुमसे मिलकर ज़ाहिर होते मेरे मन के भाव
तुम ही वो मरहम जिससे भर जाते हर घाव
मेरे मन को सदा लुभाती तेरे माथे की ये बिंदी
जननी तेरी वंदनीय पर मेरी अभिलाषा है हिंदी