पुरुष है , तो हृदय कठोर हो , जरूरी है क्या !
पुरुष है , तो आँखे नम कभी न हो ,जरूरी है क्या !
पुरुष है , तो बेदर्द ही हो , जरूरी है क्या !
पुरुष है , तो उसे डर न हो , जरूरी है क्या !
पुरुष है , तो संघर्षशील ही हो ,जरूरी है क्या !
पुरुष है , तो हमेशा गलत हो , जरूरी है क्या ll ✍️☺️
महादेव🚩 🙏❤️।।।।
-किरन झा मिश्री