मैं शायर नही हु।
मुझे खुदा ने बनाया है।
शब्दो का जाल बुनना
मुझे शब्दो ने सिखाया है।
जलते है जो आग से उन्हे
पानी ने बुझाया है।
मैं शायर नही हु।
मुझे शब्दों ने बनाया है
क्या लिखता कुछ मालुम ना था।
कैसे लिखता कुछ मालुम ना था
एक कौरा कागज था एक कलम थी
दोनो ने ख़ुदको जोड़ तो शब्द निकले
शब्दो ने खुदको जोड़ तो शायर निकले।
मुझे प्यार करना इन्होंने सिखाया है
मैं शायर नही हु।
मुझे खुदा ने बनाया है।
-दीपक ✍️🇮🇳💙
-Deepak