बहुत याद आते हो तुम
क्यों दिल में हलचल मचाते हो तुम
लाख जाना चाहूँ तेरी यादों से दूर
साँसों में बन खुशबू घुल जाते हो तुम
बन्द करती हूँ आँखें नजर आते हो तुम
बन मुस्कान अधरों पर छा जाते हो तुम
याद नहीं करती कभी तुमको
पर फिर बहुत याद आते हो तुम
-आशा झा Sakhi