तरसोगे-तड़पोगे, रोओ-चिल्लाओगे.....
हमारी मुहब्बत के लिए,
तुम भी एक दिन।
जहाँ से दूर,
कुछ इस कदर चले जायेंगे।।
पुकारोगी! लाख तुम मगर,
ना लौट कर हम आयेंगे.....
#जिलेजिंदगी
#मरने_की_चाह
#तुम्हारीकमी
#योरकोट_दीदी
#योरकोटबाबा
#सनातनी_जितेंद्र मन

Hindi Shayri by सनातनी_जितेंद्र मन : 111819949

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