एक अच्छी बारिश जिसमें सारी धूल की परत साफ हो जाती है और उस के बाद खिली हुई धूप जिसमें सब कुछ और साफ और बेहतर नज़र आने लगता है।
हम इंसानों की नज़र भी एक तरह के भ्रम से धुंधली हो जाती है। ये हम पर है कि हम जल्द से जल्द उस भ्रम को अपनी नज़रों के आगे से साफ़ करें और जिंदगी को एक नए रूप में देखें।
कुछ फैसले लेने में मुश्किल आती ज़रूर है लेकिन ख़ुद के वजूद के लिए ये ज़रूरी होता है।
-अनुभूति अनिता पाठक