पर्यावरण और हम जुड़े है एकदूसरे से
फिर भी क्या हो रहा है प्रकृति के साथ
जिना है सात्विकता के साथ
लेकिन वो छाँव कहा ?????
उड़ना है मुश्किलो को हराकर
लेकिन वो हवा कहा ????
बैठना है प्रकृति की गोद मे
लेकिन वो गोद कहा ????
बचाने को चीखती है धरा आज
लेकिन वो आवाज सुने कोन !!!!
-Shree...Ripal Vyas