कुछ लोग कहते हैं कि आया है चौराहे पर एक फकीर बाबा
वह हाथ पकड़कर तुम्हारी तबीयत का हाल जान लेता है
पर लोगों को कैसे बताऊं कि यह जो हाल मेरा बेहाल है
वह सिर्फ जिस्म से नहीं दिल से ही बीमार है ... बिंदु
क्योंकि जिस्म से तो यह घांव मिट जाएंगे
पर जो मेरे दिल के घांव है वह भला कैसे सुधर जाएंगे
हाल ना जाने कोई मेरा और सब खैरियत है यह पूछते हैं
कैसे समझाऊं मैं दिल को कि तेरे टूटने से मेरे खुद का हाल क्या है
जिस्म के घाव तो भर जाएंगे
पर यह दिल जो टूटा है वह फिर कभी नहीं जुड़ पाएगा
कभी नहीं भूल पाएगा दिल का यह जो हाल है
वह केवल जानता है रब मेरा और मैं,, दिल का हाल मेरा
०४:०५ AM
३१/०५/२२
-Bindu _Anurag