ये जो रिश्तो को बचाने तू हमेशा झुकती रहती है ना,
पता है तुझमें बसे ईश्वर का कितना अपमान तू सहती रहती है !
झुकना कोई ग़लत बात नहीं
पर हरबार हरजगह झुकने की बारी तेरी ही आती है तो,,,
एकबार उस ईश्वर के चरण में एसे झुक जा की,,,
कभी किसी और के सामने अब झुकना ना पड़े !!
-श्रद्धा