तुम दिखते नही हो ,
जो देखना चाहो तो टिकते नही हो,
अच्छा है तुम्हे भावना की आखों से
अन्तर मे बिना छवि के अहसासो मे देखना ,
तुम्हारे शब्द को महसूस कर सुनना |
मगर! है एक लालसा दबी प्रबल सी ,
तुम्हारी छवि को देखना जिसे कभी कोई
चित्रकार न बना पाया हो |
तुम्हारे शब्द को सुनना जो आनन्द की सभी
सीमायें पार कर हृदय मे प्रवेश कर जायें |
27/5/2022
🙏♥️🌹