बहोत मुश्किल होता हैं
छुट्टियाँ खतम करके माईके से जाना
आसान नही होता समेटना
क्या कुछ समेटें
ज़िंदगी से चुराए हुए फ़ुरसत के पल समेटें
या फ़ुरसत की चाय की चुस्की
माँ के हाथ का गरम खाना
या पिता की बातें
जो हुकुमी के वो दिन समेटें
या भाई बहन के साथ खाये हुए चाट के क़िस्से
छत पर हुई खुद से मुलाक़ात का वक़्त समेटें
या पुराने दोस्तों का साथ समेटें
आईने के सामने फ़ुरसत के साथ
खड़ी हुई खुद को समेटें
या मायके में छोड़ आए कुँवारे
मन को समेटें
खुद को समेटें या साथ लाए
सामान को समेटें?
सफ़र
ख्याति ठक्कर