मेरा यक़ीन करो .........
तुम चाहो तो हर मुश्किल डगर पार कर सकती हो
मत डरो पगडंडियों से , तुम पर्वत भी चढ़ सकती हो
तुमने मन में मान लिया तो ये कायरता केवल तुम्हारी है
तुमने मन में ठान लिया तो हर शिखर पर जीत तुम्हारी है
बीच भँवर को देख विचलित हो जाए काम ये काफ़िरों का
थाम लो पतवार तुम अपनी मोड़ दो रुख़ तूफ़ानों का