उस किनारे जाना है ...........
डगर बड़ी मुश्किल है पर ये नामुमकिन नहीं
हौंसले बुलंद हैं मेरे फिर डर कोई मुझे नहीं
काँटों से घिरकर भी फूल सदा खिला करते हैं
राह से पीछे हटने वाले मंज़िल न कभी पाते हैं
जीवन एक भँवर है जिसमें नैया हिचकोले खाती है
पतवार थामें जो चला उसकी नैया पार लग जाती है