नासमज हूँ कोइ भी बात ठीक से समज ही नहीं पाती हूँ
बिना बात के गुस्सा करती हूँ
फिर खुद ही मू फूलाती हूँ..

वो चुपचाप सेहता है मेरे गुस्से को मेरी हर बात नजरअंदाज करता है...

बस यही सबूत है इस बात का कि वो मुजे मुजसे भी ज्यादा मोहब्बत करता है..
-Heer Jani

Hindi Romance by Heer Jani : 111805208

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now