सिल ना पाया कोई दरज़ी भी,
दिल-ए-अरमां मेरे.....
दकियानूस जमाने से अब,
दरकार किसको है।
#जिन्दगी_और_मै
#वादाकरनेवाले
#दर्पणकासच
#दर्द_छलक_जाता_है
#योरकोट_दीदी
#योरकोटबाबा
#सनातनी_जितेंद्र मन

Hindi Shayri by सनातनी_जितेंद्र मन : 111796569

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