सबकुछ बदल गया है जीवन मे सिवाय इसके के तुम सदा थे और रहोगे अन्तर मे | बाहरी परिणाम पर अधिकार कहाँ अपना, कर्मो पर भी पहरा तुम्हारा | मंजिल तो तुम ही हो विकल्प तुम्हारा चुना ही नही , मुझे चलाना, उठाना , गिराना तुम्हारी इच्छा | 🙏
"नही मालूम लायक थी मै मगर जो भी दिया हैसियत से ज्यादा था |" तुमसे अधिक , तुम्हारे अलावा भला कौन देख सकता है मुझे प्रेम और स्नेह से |🙏