प्रेम दिलो को जोड़ता है।
और जो दिल को ही तोड़ दे वो प्रेम कहा?
प्रेम वफादारी है ।
जो वफा से मूड जाएं वो प्रेम कहा ?
प्रेम बहुत बड़ी जिम्मेदारी है ।
ज़िम्मेदारी निभाने से डर जाए वो प्रेम कहा ?प्रेम जीने की वजह बनता है ।
पर जो बेमौत मरने के लिए छोड़ दे वो प्रेम कहा ?
प्रेम तो पूजा है ।
पर पूजा की उस मूरत को ही अपवित्र कर दे वो प्रेम कहा ?