रहम़ कर ए-जिंदगी.☹️.सांस तो ले लेने दे..
गुल़ और,कौन सा खिलाएगी?
न जाने अभी,क्या-क्या दिखाएगी?
हर पग पर कांटें मन यहां,हर मोड़ पे खञ्जर है।
विराने दिल की जमी़ं भी पड़ी,सालों से बंजर है।
इतना गिरा हूँ, और कितना गिराएगी।
स्वाभिमान मर गया,फिर किस विधा उठायेगी।।
मार कर एक दिन मन को,तु भी जी न पायेगी।
उठी है जिस जगह से तु,उसी में सिमट जायेगी।।
#जिन्दगी_एक_संघर्ष
#जिंदगी_है_कैसी_ये_पहेली
#योरकोट_दीदी
#योरकोटबाबा
#सनातनी_जितेंद्र मन