इस कदर सीने में दर्द छुपा है दिया ,
की तेरी जूठी महोब्बत को अब भी संजोए रखा !
होने न देंगे जुदा खुदसे तन्हाई को ,
मन जो भर आए फिर भी न जाने देंगे
यूं तो आशिकी में कितनों को है मरते देखा ,
हमने चाहा भी तो दर्द में जिंदा रहना !
तेरी बेवफाई की कसमें आज खाई ,
वादा किया ना जाएंगे कभी इश्क के दरिया में !
पूछे जो कोई तेरा नाम
आज भी है मुस्कुराते !
कैसे भूलते जो कर जाए महोबबत में बरबाद !!
- उर्मि