मैं और मेरे अह्सास
हर शाम सुहानी नही होती l
कभी पुरी कहानी नही होती।l
जैसे सबाब की उम्र नहीं होती l
वैसे शराब पुरानी नहीं होती ll
मुहब्बत कभी भी हो जाती है l
हर इश्क को जवानी नही होती।
कई दिल फैक होते हैं जहा मे l
हर मुहब्बत रूहानी नहीं होती ll
दर्शिता