*दोहे - जनमेदिनी,प्रतिदान,वाणी,आह्वान,परिणाम*
1 जनमेदिनी
उमड़ पड़ी जनमेदिनी, नवदुर्गा में आज।
माँ दर्शन संकल्प ले, चले भक्तगण-राज।।
2 प्रतिदान
स्नेह और आशीष है, मीठे अनुपम बोल।
मिले सदा प्रतिदान में, शक्ति-विजय अनमोल।
3 वाणी
वाणी का माधुर्य ही , सम्मोहन का बाण।
कार्यकुशलता है बढ़े, हर संकट से त्राण।।
4 आह्वान
भारत का आह्वान है, जग का हो कल्याण।
मानवतावादी रहें, चले न उन पर बाण।।
सुचिता का आह्वान हो, मानव का कल्याण।
जग में हो सद्भावना, भारत देश प्रमाण।।
5 परिणाम
नेक कार्य करते रहें, बढ़ें सदा अविराम।
मंजिल सदा पुकारती, मिलें सुखद परिणाम।
मनोज कुमार शुक्ल " मनोज "
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