My Wonderful Poem...!!!
ज़रूरी तो नही हर वक़्त गिला
शिकवा ही करते रहे जीदगीं से
यक़ीन रब पर कर कश्ती कभी
तो छोड़ बहती लहरों के सहारे
जो लिखा छीन न सकता कोई
ओर नहीं लिखा वह रहा देने से
उतार-चढ़ाव भी तो हिस्सा ही
है सफ़रका,क्या होगा डरने से
ग़र नियति आज़माती है,सख़्त
वक़्त को भी तुँ पार कर सब्र से
बचपन-ओ-जवानी छीनीं,छीनेगा
साँसे भी,मर जा तुँ पेहले मरने से
इच्छा-ओ-ख्वाहिश-ओ-हसरतों
से कौन बचा,तुँ कर कत्तल दिल से
बच ले तुँ अना,तकब्बुर,लोभ,द्वेष
क़िना-कपट,असद-ओ-गुरुर से
हाँ आसान तो हरगिज़ नही मुक्ति
का पाना,बने है सब संत झुकने से
कौन क़हता है प्रभुजी सुनते नहीं
माँग कर तो तुँ देख ले सलीके से
✍️🥀🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🥀✍️
-Rooh The Spiritual Power