किस किस को लगता है कि अंग्रेज़ों के आने से पहले भारत में सूई भी नहीं बनती थी!!!!
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धातु की इस मूर्ति की विशेषता जानेंगे तो हैरान रह जाएंगे..
ये हैं महाराष्ट्र के कोल्हापुर की अंबाबाई देवी -
यह मूर्ति तीन धातुओं से मिलकर बनी है, चांदी, तांबा, कांसा। खास बात ये है कि तीनों धातुओं का मेल्टिंग पॉइंट अलग अलग है, जबकि मूर्ति पर कहीं भी कोई वेल्डिंग नहीं है।
अर्थात चांदी का मुख, तांबे की बाकी मूर्ति और वस्त्र काँसे के, इसी प्रकार सिंह का मुख तांबे का और उसके अयाल काँसे के।
अब खुद ही सोच लीजिए कि आज से सैकड़ों वर्षों पूर्व जब न तो वेल्डिंग थी और ना ही धातुओं को जोड़ने का कोई केमिकल, तो फिर भिन्न भिन्न धातुओं को मिलाकर ये मूर्ति बनाने वाले कलाकार किस स्तर के वैज्ञानिक होंगे।
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जिस जिस को लगता है की भारत में सूई भी नहीं बनती थी, वो मूर्ख है।
साभार : राम सिंह जी