शीर्षक: शहर बेवफाई का
शहर बेवफाई का, प्यार की आशा न करना
चाहतों का मारा , सिर्फ हसरतों की बात करना
नशा है, यहाँ दौलत, जैसे चाहे, हासिल करना
सही होता, वफ़ा की राह पर, बेवफा कहलाना
हाँ, यह सही फ़लसफ़ा, अगर जीना चाहत है
शहर की रोशनी में, अब कहीं न कोई राहत है
कभी गिर गये, तो उठना, बहुत बड़ी आफत है
नजर अंदाज कर चलना, यहॉं सबकी आदत है
न सोचना, कुछ न करने से, यहाँ गुनहगार नहीं
मकसदों का शहर, बिना चले, ठहरना सही नहीं
सही बात यह है, यहाँ अपनों में कोई अपना नहीं
हो नहीं सकता, किसी के दिल में कोई सपना नहीं
इस शहर में आये हो, तो दस्तूर सभी निभाने होंगे
साधुता के पहनावे में, सभी गलत काम छिपाने होंगे
चेहरे की मुस्कान में, छलावे के अंदाज न दर्शाने होंगे
राही शहर के, तुम्हें,आत्मा के दरवाजे बंद रखने होंगे
✍️ कमल भंसाली
-Kamal Bhansali