My Wonderful Poem...!!!
ज़िंदगी के सफर में धूप तो ज़रूर होगी
जो छालें पाल चल सको तो चलो..!!
भीड़ क़यामत-सी है इस से बच के तुम
भी यहाँ से निकल सको तो चलो...!!
राहें टेंडी किसी के वास्ते कहा बदलती
तुम खुदको बदल सको तो चलो..!!
यहाँ कोई किसी को रास्ता कहाँ देता
तुम रास्ता बनाके चल सको तो चलो.!!
यही है ज़िंदगी कुछ ख़्वाब चंद उम्मीदें
इन खिलौनों से तुम बहल सको तो...!!
लौटना तो मुक़र्रर है यहाँ से जाते हूए
कदमों के निशान बनाके चल सको..!!
कल वहाँ प्रभु को मुँह दिखाना भी है
चमक चेहरेकी सँभाल सको तो चलो.!!
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