विषय: फ़लसफ़ा जुदाई का
रात है, तन्हाई है, ऐ दोस्त, जुदाई भी है
तारों भरी रात में, ये कैसी हमारी विदाई है
चाँद भी आज थका सा नजर आ रहा
बिछड़ा तन, इंतजार से पनाह मांग रहा
तुम थे, बाहों में खुशबुओं का अहसास था
कल भी साथ रहोगी, ये सिर्फ विश्वास ही था
जुगनुओं की तरह चहकते, तुम्हारे नैन संदेश देते
तन्हां दिल को, मिलन की हसरतों से फिर बहका देते
कल तुम न होंगे पास, ये सोच, दिल है, उदास
दर्द बन गई, अधरों पर छिपी हुई अधूरी सी प्यास
जानम, जिंदगी का इतना ही फलसफा समझना
प्यार जो गहरे दिल से करे, उसे ही अपना समझना
✍️ कमल भंसाली