,,उम्मीद आपको कभी छोड़ कर नही जाती, बल्कि आप ही उसे छोड़ देते हैं,,
कल मेरी पड़ोसन दस दिन इलाज करवा कर सकुशल लौट आईं । मेरे कई साथी ,उनके अभिभावक इस विभीषिका से निकलकर, शायद और ऊर्जावान होकर लौटे।
जानती हूं , हर तरफ हालात उजाले के नही , बहुत अंधेरे भी हैं ,पर फिर भी जो जुगनू निकलते हैं वो उम्मीद के होते हैं । जिस बात पर ,जिस विषय पर हमारा कोई बस चलता ही नही , उस पर बेवजह सोच कर हम सारे वातावरण पर नकारात्मक ऊर्जा का संचार कर रहे हैं , इसलिए जो हुआ जो हो रहा है उससे सबक लेकर एहतियात बरतें ,सतर्कता सावधानी जरूरी है ।
कई मामलों में पूरी सावधानी के बाद भी इस दानव ने व्यक्ति पर अधिकार जताया है । इसलिए बहुत ज्यादा सोच कर अपनी बुद्धि को कमज़ोर न करें, उसके कमज़ोर होते ही सारा शरीर छूटने लगेगा ,,मन मजबूत तो तन मजबूत ,,
लगातार हो रही मौतों के बारे में सोचना छोड़ दें ये शाश्वत है ,इसे हम थामकर नही रख सकते।बल्कि इसमें ही उलझ कर हम कई और जिंदगियों के साथ अन्याय कर सकते हैं ,जिन्हे वाकई हमारी जरूरत है ...
इसे ही एक शक्ति बना लें एक शस्त्र , शेष प्रभु इच्छा मानकर उन्हें सौंप दें , बिल्कुल उस बालक की तरह जिस तरह उसे नही मालूम कि अभिभावक उसके साथ क्या करेगा ... जो भी करेगा बालक के हित में ही करेगा। बुरा वक्त जाएगा तो अच्छा आएगा ही यही चिर सत्य है । खूब आशान्वित रहें, उनके लिए जिनकी आप जरूरत हैं ।
स्वास्थ्य लाभ लेकर लौटते लोगों को देखें , उनकी जिजीविषा को देखें ,जो हो गया उसे मुड़कर न देखें क्योंकि हम बेबस हैं उस जगह ,लेकिन जहां हम किसी के लिए कुछ कर सकते हैं तो ज़ाहिर है हमें सकारात्मक होना पड़ेगा ,ऊर्जावान होना पड़ेगा ...नए उत्साह से ,नए उल्लास से........
सो हम सब , एक दूसरे के लिए ,देश के लिए, पूरी दुनिया के लिए सकारात्मक ऊर्जा भरें अपनी प्रार्थनाओं से....😊💐💐🙏💐💐