सालो बाद वह आज बहोत रोया था,
फिरभी वह मुझसे दूर खड़ा था।
उसके आंखों की नमी नदिया बहा रही थी,
जो मेरे पांव को छुके गुजर रही थी।
वह मेरे सामने था फिर भी मुझसे गले नही लगा था,
क्युकी कोरोना ने उसकी मां को छीना था,
बहन को भी झपट में लिया था,
और मुहब्बत को भी कोरोना हुआ था,
फिर भी वह अब अपनी मुहब्बत को दुर रहेके बचाना चाहता था।
-Journalist UV