आज शाम को मातृभारती पर मेरे नये उपन्यास 'दो आशिक़ अन्जाने' का पहला भाग प्रकाशित हो रहा है। लॉकडाउन के दौरान दिल्ली से बिहार के लिए एक ट्रक निकलता है, इसी ट्रक में मुलाकात होती है हमारे मीनाक्षी और अर्जुन की। दोनों के बीच कोई संवाद नहीं है, तो इस अबोले में फिर कैसे पनपेगा प्रेम?
यह सिर्फ़ एक रात में सिमटी हुई कहानी है, लेकिन इसने अपने अंदर और बहुत कुछ समेट रक्खा है। उत्तर भारत की विषमताओं को चित्रित करती हुई एक विशुद्ध रोमांटिक-कॉमेडी।
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