मुश्किलो के बादल आज भी घनघोर हैं ।
हर रास्तो पे अब बढनेलगा शोर हैं ।
नजाने किसके हाथमें जिंदगी की दौर हैं ।
कहीं अंधकार हैं, तो कही आज भोर हैं ।
बडा बनने के लिए सब कर रहे ज़ोर हैं।
कोई ताकतवर हैं, तो कोई कमज़ोर हैं ।
जीवन एक हैं, लेकिन इच्छाएं करोड़ हैं ।
अंजान रास्तो के अनगिनत मोड़ हैं ।
बिना मंजिल की कैसी ये दौड़ हैं ।
-Udit Ankoliya