My Motherhood Poem ..!!
ये जो माँ की मोहब्बत होती है ना
यह सभी मोहब्बत की माँ होती है
माँ से बढ़कर कोई माँग नहीं होती
दुआएँ भी ख़ुद माँ कीं ग़ुलाम होतीं
हाथ उठाने की भी ज़रूरत नहीं होतीं
बस दिली भाव से दुआ क़बूल होतीं
प्रभु-दरबार में भी जो मक़बूल होतीं
क्योंकि निःस्वार्थ निर्मल निर्दोष होतीं
बेशक माँ की ममता अंधी तो होतीं है
पर बच्चे को देखने की शक्ति देती हैं
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