My Wonderful Poem ....!!!
राहत-औ-सुकुँ चैन एतबार
ईनतेजार बेक़रार बरक़रार
अज़मत उलफ़त जज़्बात
ख़यालात-औ-तस्ववुरात
बदलाव तनाव वलवलात
बेहतरीन बदतरीन नमकीन
मुशिकलात हयात नग़मात
कया कया हमें नही दिया है
खालिक ने छोटी-सी जहनी
हमारी कशिश के परदों की
बारीक बारीक-सी मगजकी
पर-तु-ए-नबज़ की हल्की-सी
रवानी-ए-लहू की हर एक बूँदों
में गरज की जाँन जिस्म में है तब
तक खालिक भी बिराजमान है..!!
जैसे ही खालिक अलविदा हूऑ
फिर नाम भी बंदे का ग़ायब हूऑ
बचा फिर लाश या डेड बोडी ही बस।
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