मेरी चारों ओर प्यार की बहती सरीता
मुझे अब और ज्यादा प्यास नहीं
क्यूं जकड़े उड़ते पंख मेरे
जब उड़ने को हैं सारा आसमान वहीं
नहीं चाहीए जंजीर जैसे रिश्ते मुझे
आप पहेचानते हैं, काफी हैं पहचान वहीं
जी भर जी लूं जिंदादिल बेफिक्र ज़िंदगी
साथ - प्यार ऐसा ही रहे और कोई आस नहीं।
-Apeksha Diyora