रास्ते वही होंगे फिर से सभी के बस बवाल बदलेगा।
इच्छाएं वैसी की वैसी ही रहेंगी बस मलाल बदलेगा।
हाल तो वही रहा है सदियों से बस अब चाल बदलेगा।।
चेहरे तो रहेंगे पुराने सभी वही बस अब खाल बदलेगा।।
भ्रष्टाचार वैसे का वैसा ही रहेगा बस अब दलाल बदलेगा।।
बस कहने-सुनने में लगता नया है कि साल बदलेगा।।
-सनातनी_जितेंद्र मन