हैं नारी सब पर भारी।
कोई क्या जानें संसारी।
जानेंइ वो ब्रम्ह-बिष्णु-पुरारी।।
पूजत दिन निश चरण पखारी।।
गोपियन जिन नाच नचाई।
जानत वो कृष्ण मुरारी।।
🌷नारी की महिमा जाने केवल एक नारी।। 🙏
तुलसी जान नारी महिमा
मानस के रचनाकार भए।
थी शक्ति वो नारी ही
जिन मूरख से कालीदास भए।।
🌷जो भी कहूँ वो कम होगा।
नारी का पार नहीं कोई
है महिमा अपरम्पार।। 🙏
-सनातनी_जितेंद्र मन