तुम्हें क्या लिखूं......
किसी का धैर्य हो तुम किसी का शौर्य हो
किसी का धार जीवना तो किसी की प्रेरणा
किसी की अनुरक्ति हो तो किसी की विरक्ति हो
किसी का अर्थ हो मगर मेरी हो भावना
शंकर का तप हो तुम बिष्णु की माया
तुम्हीं ब्रम्ह ज्ञान हो इन्द्र का सम्मान हो
भक्तों की भक्ति हो ऋषियों की आराधना
तुम्हीं मेरा मौन हो हो तुम्हीं मेरी साधना..
तुम्हीं कहो तुम्हें क्या लिखूं.. ✍️
-सनातनी_जितेंद्र