मे और मेरे अह्सास
रात मुरादों वाली बीत रही है आहिस्ता आहिस्ता l
आसमाँ मे चांदनी खिल रही है आहिस्ता आहिस्ता ll
बादलों के साथ चांद सितारे आँख मिचोली खेले l
घूंघट मे दुल्हन शर्मा रही है आहिस्ता आहिस्ता ll
नीला ,पीला, रंगों का सुन्दर है मेघधनुष दिखता l
शाम सुहानी ढल रही है आहिस्ता आहिस्ता ll
दर्शिता