वक्त की जरूरत
"है वक्त की जरूरत, जरा तुम होश में आओ।
जो बातें समझ ना आए, वहाँ, खामोश हो जाओ।
बनो तुम मिसाल सबकी भूला कर दुनियादारी।
खुशियों का सुहाना सा सब को पैगाम दे जाओ।
वक्त कह रहा है अब, अपने हुनर को पहचानों।
खूबियों को ,अपनी जरा एक नाम दे जाओ।
तेरे चाहने वालों को एक मुकाम दे जाओ।
कभी फुर्सत मिली तो करेंगे गुफ्तगू तुम से,
तुम अपना फोन नंबर और पहचान दे जाओ।
कभी किसी के चर्चा में एक पैगाम दे जाओ।
तुम्हारे हुनर से इस कदर कायल हुआ हूं मैं,
तुम उड़ते गगन के पंछी, मैं पंख बन जाऊं।।"
अम्बिका झा 👏
-Ambika Jha