कुछ तो छूटा है इस सालमें उसे नए सालमें पाना है |
कुछ तो रूठा है इस सालमें उसे नए सालमें मनाना है |
कुछ रिश्ते पुराने छूट गए कुछ नये फिरसे बनाने है।
कुछ चेहरे ओजल होते गए उसे फिरसे सामने लाना है।
कुछ कडीयाँ छूट रही थी शायद फिर से जोड़ बनाना है।
हर एक पल कीमत भी ले तो सूद समेत चुकाना है।
कदम अकेले कब तक हो फिर पैर से पैर मिलाना है।
अब कुछ नई मंजिलको ढूंढे चलो सपने नये सजाना है।
कुछ तो छूटा है इस सालमें उसे नए सालमें पाना है।
उसे नए सालमें पाना है।
(सभी को नव वर्षकी शुभकामना)
- डाॅ. सरिता (जलधि)
-Dr.Sarita