My Meaningful Poem...!!!
अल्फाज और इंसाननियत
ही तय करते हैं
फैसले किरदारो के,
उतरना दिल मे है ,
कि उतरना दिल से हैं
दिल में उतरा कभी ना गिरे
पर दिल से उतरा तो
दिल तो दिल नज़र से भी गिरे
सौ यारों सँभालो ख़ुदको
जिस्म के टुटे टुकड़े तो
शायद जुड़ भी जाए पर
दिल-औ-नज़र से जो गिरे
वै टुकड़े चाह के भी ना जुड़े
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