बदनसीब उसकी किस्मत होगी,,
जो बेटी उसे खुदाने बना दिया ।।
अफ़सर बनने का सपना था उसका,,
तू बेटी है कहकर सबने सुना दिया ।।
हस्ती कूदती मासूम को,,
चुला चौकी सीखा दिया ।।
ज़्यादा पढ़के क्या करेगी ,,
ये कहकर डोली में बिठा दिया ।।
बच्ची जैसा मन था उसका,,
पत्नी कहकर औरत बना दिया ।।
SHILPA PARMAR
"SHILU"