मेरी परछाई
आओ अपनी परछाई से कुछ सीखे,
जो हो खुदसे प्यार तो इस बात पर सोचें।
परछाई मेरी मुझसे बड़ी क्यों हैं?
क्या वो मुझसे ज़्यादा ताकतवर हैं?
परछाई मुझे अपनी क्षमता याद दिलाती हैं,
छुपी प्रतिभाओं पर विश्वास करना सिखाती है।
नामुमकिन कुछ भी नहीं मेरे यार,
हो जा तू परिवर्तन के लिए तैयार।
शमीम मर्चन्ट