Hindi Quote in Poem by shiv bharosh tiwari

Poem quotes are very popular on BitesApp with millions of authors writing small inspirational quotes in Hindi daily and inspiring the readers, you can start writing today and fulfill your life of becoming the quotes writer or poem writer.

*ध्रुबी अंधकार की अमावस्या*

रात चलती है चाँदनी अकेले
एक निर्जन जंगल के बीच
मैंने जमीन खोद कर
मिट्टी के कई लाल ढ़ेले निकाले
निकलते ही ढ़ेले साथ चल पड़े
उनके चलने के स्वर सुनाई दिए
कुछ मधुर कुछ घृणित स्वर
पथ संग जलती थी लालटेनें उदास
बन चुका एक अंधेरे का सेहरा
नही दिख रहा उसका चेहरा
जिंदगी के प्यार का टुकड़ा
प्राण तंत्र का परिचय सुकुड़ा।

चाव के भाव दिख रहे बदरंग
कथ अंत पंथ में बिखरे
ढ़ेले फिक्र से पीछे देखते
गर्म धरती के देह ठहरते
बंजर होता भूमि अधिकार
चलती जा रही खुद राह
ओढ़े एक शौरभ बिहीन चादर
ध्रुबी अंधकार की अमावस्या
भगी जा रही दूर कोमलता
छटपटाती छाती की भवितब्यता
फेक दू पाताली अंधेरे की गुहाओं में
निकाले गए मिट्टी के ढ़ेले
रचनाकार:-शिव भरोस तिवारी 'हमदर्द'

Hindi Poem by shiv bharosh tiwari : 111624744
New bites

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now