रूह
रूह बोहोत सुंदर है
रूह खुली आंखोंसे देखा एक ख्वाब है
रूह मौसम है, उभरता और ढलता सूरज है, पुरन मसी का चांद है रूह
रूह प्यार है इकरार है, धोका है विश्वास है
रूह तो एक खाली किताब है
रूह दोस्त है दुश्मन है, जलती हुई सिगरेट है, एक नशीले जाम का भराहुआ प्याला है रूह
रूह तो एक जानवर है
रूह
पहचान खुद की रूह को
रूह तो अपने अप मे ही एक दुनियां है।