घर से निकलेथे तब वे थे आज्ञाकारी “राम”
बहुत भ्रमण किया , ख़ुद कष्ट सहे ओर वनमें रहे
आख़िर सबको साथ लेकर चले वानर से लेकर मानव तक
इन्द्रिय विजय तो थे ओर दुष्ट राक्षसों का संहार करके
१४ साल का वनवास पूरा करके जब घरको लोटे
तब जाके प्रजा-जानो में भगवान “श्री राम” बने।।
चलो इस दिवालीको आपने अंदरके राक्षसको मारकर
विकारों से लड़कर चरित्रसभर ओर गुणवान बने।।
Happy Diwali
©એમજદિલથી